Veröffentlicht am in "Allgemein", Sprache — English. 52 Seiten.
उत्तर आधुनिकता के युग में भी सामाजिक असमानता और अस्पृश्यता की समस्या दलित समाज के विकास के मार्ग में एक गंभीर समस्या बनी हुई है। दलित समाज आज भी सामाजिक और आर्थिक समानता प्राप्त नहीं कर पाया है। लेकिन यह प्रमाणित होता है कि समय की माँग के अनुसार दलितों की दशा और दिशा में आमूल चूल परिवर्तन अवश्य हुआ है। केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने दलित समाज में अभिशप्त गरीबी की समस्या के निराकरण के लिए विभिन्न सरकारी योजनाएं क्रियान्वित की हैं, लेकिन फिर भी दलित समाज सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त नहीं हो पाया Mehr anzeigen