बाबासाहब का जीवन इस बात का उदाहरण है कि व्यक्ति का दृढ़निश्चय ही उसका निर्माण करता है, उसकी जाति, पारिवारिक निर्धनता, असुविधाएँ और समाज का विरोध उसकी प्रगति को रोक नहीं सकता। उन्होंने अपना बहुगुण सम्पन्न व्यक्तित्व स्वयं निर्माण किया था जिसमें अथक परिश्रमशीलता, विलक्षण गम्भीरता, अद्भुत साहस तथा निस्वार्थ त्याग की भावना कूट-कूट कर भरी हुई थी।
सफलता और सम्मान न मिलने पर भी चलते रहो- उनका सम्पूर्ण जीवन युवकों के लिये प्रेरणा का द्मोत है। उन्होंने देश के तरुणों को परिश्रमी तथा गुण सम्पन्न बनने का आह 更多