मैंने किया' बोला कि कर्म बंध जाता है। ये 'मैंने किया' इसमें इगोइज़्म(अहंकार) है और इगोइज़्म से कर्म बंध जाता है। जिधर इगोइज़्म ही नहीं, मैंने किया ही नहीं है, वहाँ कर्म नहीं बंधता। Más
निर्दोष व्यक्ति जेल भुगतता है और गुन्हेगार मौज उडाता है, तब इसमें न्याय कहा रहा| दादाश्री की यह अनमोल खोज है की कुदरत कभी अन्यायी हुई ही नहीं है। कुदरत न्याय स्वरूप है। इस सूत्र का जितना उपयोग जीवन में होगा, उतनी ही शांति बढेगी|अधिक जानने के लिए पढ़े Más